एक घटना भाग 2 रियल स्टोरी

 एक घटना 

दुसरा भाग

       पहले भाग में हमने पढा की किस तरह पीटर ओर उंसका दोस्त बेरी अपनी साइकलों को रेल पटरी पर छोड़कर एक जगह छुपते हुए जाते है जहां से किसी लड़की की आवाज सुनाई देती है। थोड़ी देर बाद ट्रेन के आने पर पीटर ओर बेरी को अपनी पटरी पर पड़ी साइकल याद आती है लेकिन ट्रैन स्पीड से उन सायक्लो हवामे उड़ा ते हुए थोड़ी आगे जकर पलट जाती है। जिसमे सारे 47 यात्री मारे जाते है। पीटर बेरी खुद को इस हादसे का दोषी मानते है। (  कोई मुझे मत पूछना के रियल में साइकिल हल्की चिज से ट्रेन पलट जाती है) असल मे ये पॉइंट के पीछे सस्पेंस है जो आगे चलकर खुलेगा। ये भी जान लो कि पीटर के पिता उसी कस्बे के शेरीफ मतलब मैन पुलिस वाले थे। जिस तरह हमारे इंडिया में गाँव के मुखिया होते है उसी तरह अंग्रेज देशों में शेरीफ होते है। शेरीफ के जिम्मे गाँव या कस्बे की जिम्मेदारी होती है।  पीटर की अपने बाप से ज्यादा बनती नही थी। इसलिए जवान होते ही वो अलग जगह मेलबोर्न सहेर में रहने चला जाता है। जहां वो शादी करता है और उसकी एक बेटी होती है जो पीटर की लापरवाही से एक्सीडेंट में मारी जाती है। 

      पीटर के पास आने वाले पेशंट का पीटर साइकलों एनालिसिस करता है। कुछ पेशंट जिन्हें डंकन नाम के पीटर के दोस्त  भेजता  था उनके हावभाव कुछ अजीब से थे। ऐसे में एक ओर लेडी उसकी क्लिनिक में आती है जिसका नाम एरिका होता है। एरिका अपनी बेटी बारबरा की फरियाद करती है जो उसका कहना नही मानती। पीटर ये सब सुन ता है नॉट करता है। पीटर एरिक से पूछता है कि क्या तुम्हें कभी सुसाइड करने का ख्याल आता है? वो कुछ नही बोलतीं।

     ,दूसरे दिन एक ओर पेशंट आता है जिसका नाम फिलिक्स होता है और वो खुद को म्यूजिशियन (संगीतकार) बताता है। पीटर उस से पूछता है के तुम किस जगह संगीत बजाते थे? तब फिलिक्स कहता है elington नाम के कस्बे में। पीटर बोलता है तब तो तुम बहुत सालो पहले वहा संगीत बजाते होंगे? फिलिक्स बोलता है पिछले हप्ते ही मेने वहा संगीत कार्यक्रम रखा था। पीटर ये सुनकर चौक जाता है क्योंकि elington नाम की कोई जगह अब नही है काफी सालो पहले इस जगह का नामोनिशान मिट गया था। अब पीटर फिलिक्स को पूछता है के अभी कौनसा साल चल रहा है तो फिलिक्स बोलता है1987। पीटर उन

उस्की रिपोर्ट में 'एमटोगेनट एमनेसिया' बीमारी नोट करता है क्युके कुछ लोग दिमागी तोर पर पिछले समय मे जीते है इस  मतलब उनके दिमाग में कोई याद बनके रह जाती है और इस बीमारी को

 Anterograde amnesia  कहते है। 

          एक दिन क्लीनिक बन्द करते समय  अचानक एक लड़की क्लीनिक के सोफे पर बैठी होती है जिसके हाथ मे एक डोल जैसा  खिलोना होताहे। पीटर उस से बात करता है कोन हो तुम? वो जवाब नही देती। पीटर उसका नाम पूछता है तब् एक रेलवे टिकिट का पास उसे देती है जिसमे उसका नाम एलिजाबेथ वेलेंटाइन होता है। पीटर उसे कागज ओर पेन  देकर कहता है की जो भी बोलना चाहतीं हो वो कागज पर लिखो। उतनी देर में पीटर के क्लीनिक के पासवाले ब्रिज पर से ट्रेन शोर मचाते निकलती हैं। पीटर अपनी खिड़की बन्द करने उठता हेबल ओर एलिज़ाबेथ वहा से गायब हो जाती है। पेपर पर सिर्फ  एक नम्बर लिखकर।

          दूसरे दिन पीटर अपनी क्लिनिक बन्द कर के बाहर निकलता है और कोई चीज  भूल गया हो तो वापस अपनी क्लिनिक जाता है तो दरवाजा पहले से खुला होता है। पीटर हैरानी से अपनी केबिन में जाता है तब एलिज़ाबेथ वहा खिड़की पर खड़ी हुई होती है। पीटर उसे पूछता है तुम कैसे अंदर आयी पर उसे कोई जवाब नही मिलता। उसी वक़्त एलिज़ाबेथ  चिल्लाने लगती है और पीटर उंसके पास जाता हे और देखता है कि एलिजाबेथ का गला कोई दबा रहा हो। इसके बाद एलिजाबेथ बेहोश होकर गिर जाती है। पीटर दौड़कर दूसरे कमरे में मदद के लिए फोन करने  जाता है और फोन बंद होता है। जब पीटर खुद एलिजाबेथ को दवाखाने ले जाने को तैयार हो जाता है लेकिन एलिज़ाबेथ गायब हो चुकी थी। पीटर अब समझ गया के एलिज़ाबेथ एक भूत है। प्लीज़ पढ़ते रहे क्योंके पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त।


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