Wafa bewafa shayari


हम तो हमेशा वफा करते आए है फिर भी तुम्हारी नज़र में बेवफा ठहरे है शायद वफा का पैमाना तुम्हारा कुछ और है पैमाना वो हमें भी देदो हम उसे भी आज़माते हैं

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