बुझते हुए चिराग़ को वो रौशन कर देता है नाउम्मीद इंसान को वो उम्मीद दिला देता है वो ख़ालिक़ ऐ जहां हर सय पर क़ुदरत रखता है वो चाहे तो जुगनुओं से अंधेरों को दूर कर देता है islamic shayaeri

बुझते हुए चिराग़ को वो रौशन कर देता है नाउम्मीद इंसान को वो उम्मीद दिला देता है वो ख़ालिक़ ऐ जहां हर सय पर क़ुदरत रखता है वो चाहे तो जुगनुओं से अंधेरों को दूर कर देता है

 

बुझते हुए चिराग़ को वो रौशन कर देता है नाउम्मीद इंसान को वो उम्मीद दिला देता है वो ख़ालिक़ ऐ जहां हर सय पर क़ुदरत रखता है वो चाहे तो जुगनुओं से अंधेरों को दूर कर देता है

Bhujte   Hue Chirag ko vah Roshan kar deta hai na ummid Insan ko vah ummid Dila Deta Hai vah Khalik Ke Jahan Har Samay per Kudrat Rakhta Hai vah Chahe to juganu se andhero ko Dur karta hai


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