ISLAMIC SHAYAERI भरोसा नहीं ज़िन्दगी का फिर भी जिनेकी कोशिश बहुत करता है भरोसा है मौत का मगर फिर भी  आखेरत की फिक्र कम करता है

 

ISLAMIC SHAYAERI भरोसा नहीं ज़िन्दगी का फिर भी जिनेकी कोशिश बहुत करता है भरोसा है मौत का मगर फिर भी  आखेरत की फिक्र कम करता है

भरोसा नहीं ज़िन्दगी का फिर भी जिनेकी कोशिश बहुत करता है भरोसा है मौत का मगर फिर भी  आखेरत की फिक्र कम करता है

baharosha nahi jindgika firbhi jine ki kosis bahot karta hai
Bharosha hai maut ka fibhi aakherat ki fikar kam karta hai

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