भूले से भी अगर हमारी याद आ जाए तो दुआ सलाम तो कर देना , सुना है दौर ए हाज़िर में लोग बड़ी मसरुफीयत के शिकार है

भूले से भी अगर हमारी याद आ जाए तो दुआ सलाम तो कर देना  सुना है दौर ए हाज़िर में लोग बड़ी मसरुफीयत के शिकार है

 

भूले से भी अगर हमारी याद आ जाए तो दुआ सलाम तो कर देना , सुना है दौर ए हाज़िर में लोग बड़ी मसरुफीयत के शिकार है

Bhul Se Bhi Agar Hamari Yad a Jaaye to Dua Salam to kar dena suna hai dore hajir Mein log Badi masrufiyat ke Shikar Hain

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