कुछ अजीब सा रिश्ता है उसके और मेरे दरमियाँ ना नफरत की वजह मिल रही है ना मोहब्बत का सिला DARDH BHARI SHAYEARI

कुछ अजीब सा रिश्ता है उसके और मेरे दरमियाँ ना नफरत की वजह मिल रही है ना मोहब्बत का सिला DARDH BHARI SHAYEARI

 रिश्ता निभा नहीं सकते तो अपना बनाते फिर क्यु हो ! वफा नहीं कर सकते तो जफ़ा फिर क्यु देते..

कुछ अजीब सा रिश्ता है उसके और मेरे दरमियाँ ना.. नफरत की वजह मिल रही है ..
ना मोहब्बत का सिला..

RISTA NIBHA NAHI SAKTE TO APNA BANATE FIR QEEYU HO
WAFA NAHI KAR SAKTE TO JAFA FIR QEEYU DETE HO ..
KUCHH AJIB SA RISTA HAIN USKE OR MERE DARMIYAN NA FARAT KI WAJHA MIL RAHI HAI NA NA MOHABAT KA SILLA

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