BF KE LIYE SHAYAERI उनके देखने के नज़रिये के बहुत किस्से है जी चाहता है बस साहब का चश्मा चुरा लिया जाए कभी उनकी याद आती

BF KE LIYE SHAYAERI उनके देखने के नज़रिये के बहुत किस्से है जी चाहता है बस साहब का चश्मा चुरा लिया जाए  कभी उनकी याद आती


उनके देखने के नज़रिये के बहुत किस्से है जी चाहता है बस साहब का चश्मा चुरा लिया जाए 

कभी उनकी याद आती है कभी उनके ख्व़ाब आते हैं,
मुझे सताने के सलीके तो उन्हें बेहिसाब आते हैं


 UNKE DEKH NE KE NAJRIYE KE BAHOT KISSHE HAIN JI CHATA HAI  BAS SHAB KA CHASMA CHURALIYA JAYE 

KABHI UNKI YAAD AATI HAIN KABHI UNKE KHAWAB AATE HAIN MUJE SATANE KE SALIKE TO UNHE BE HISHAB AATE HAIN

Post a Comment

0 Comments