कहानी जामनगर रिफायनरी की

 कहानी जामनगर रिफायनरी की 


       अब बात करे रिफायनरी की। आपने देखा होगा की बहुत सारे पाइप्स लाइन वाली और बड़े बड़े टैंक वाली रिफायनरी को। तो रिफायनरी के बहुत सारे काम होते हे और ये काम क्रूड ऑयल mtlb कच्चे तेल के ऊपर होते है। रिफायनरी का मतलब ही कच्चे तेल को रिफाइन mtlb शुद्ध करना होता है ओर इस शुद्धिकरण के काम में हमे और भी ज्यादा by product मिलते है जैसे की  गैसोलिन जिसे हम पेट्रोल कहते हे, केरोसिन, डीजल, नेप्था वगैरा और जो आखिर में कचरा बचता है उसे हम डामर कहते हे। ये सब कच्चे ऑयल से मुमकिन होता है लेकिन भारत में उतना कच्चा तेल नही निकलता इस वजह से हमे विदेशी तेल मंगवाना पड़ता हे।

      इसके लिए धीरू भाई ने एक कमाल का आइडिया किया। एक लंबी पाइप लाइन को दरिया में बिछा दिया (नीचे की सेटेलाइट फोटो) जहा विदेशी जहाज में कच्चा तेल सीधा पाइप लाइन से रिफायनरी तक पंप कर के पहुंचा दिया जाता हे और काम सुरु।

       धीरूभाई ने इस रिफायनरी का काम इतना जल्दी से करवाया की 36 महीनो में रिफायनरी का एक भाग पूरा त्यार करके 14 जुलाई 1999 के दिन काम सुरु करवा दिया। ये एक वर्ल्ड रिकॉर्ड था जो सेकडो एकड़ भूमि पर इतनी बड़ी रिफायनरी और दरिया में पाइप लाइन डालकर (नीचे👇की तस्वीर) क्रूड ऑयल के जहाजो से ऑयल को खींचकर रिफायनरी में लेकर रोज के 668हजार बैरल ऑयल को रिफाइन करने की रिफायनरी खड़ी कर दी। 

      आगे की कहानी अगले पार्ट में पढ़े

रिफायनरी से दरिया तक जाती हुई पाइप लाइन का प्लेटफार्म जहा क्रुड ऑयल के जहाज लाइन में खड़े हुए दिख रहे हे।




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