जगमगाए जुगनुओं से रात की तरीकियां ख़त्म नहीं होती अच्छे लहज़े से निकली हर बात सच्ची नहीं होती तुम्हें हक़ है दूध में पानी मिलाकर बेचो पर हमे मिलावट वाली चाय हज़्म नहीं होती islamic muslim shayeri

जगमगाए जुगनुओं से रात की तरीकियां ख़त्म नहीं होती अच्छे लहज़े से निकली हर बात सच्ची नहीं होती तुम्हें हक़ है दूध में पानी मिलाकर बेचो पर हमे मिलावट वाली चाय हज़्म नहीं होती islamic muslim shayeri



जगमगाए जुगनुओं से रात की तरीकियां ख़त्म नहीं होती अच्छे लहज़े से निकली हर बात सच्ची नहीं होती तुम्हें हक़ है दूध में पानी मिलाकर बेचो पर हमे मिलावट वाली चाय हज़्म नहीं होती

 jagmagaye Jugnu se Raat Ki tarikh kya khatm Nahin Hoti acche Leage se Nikali Har Baat Sacchi Nahin Hoti Tumhe Haq Hai dudh Mein Pani milakar bhecho per Hamen milavat wali chai hajam Nahin Hoti


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