खुद को कभी कम मत समझो तुम में भी वह हुनर हो सकता है जो दूसरे में नहीं होगा

खुद को कभी कम मत समझो तुम में भी वह हुनर हो सकता है जो दूसरे में नहीं होगा

 

खुद को कभी कम मत समझो तुम में भी वह हुनर हो सकता है जो दूसरे में नहीं होगा


Khud Ko Kabhi Kam mat samjho tum mein vah hunar ho sakta hai jo dusre Mein Nahin hoga


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