मैं क्या चाहता हूँ , मैं क्या सोचता हूँ , कभी मुझ से मिरा ख़्याल पूछ लेते .. नहीं दस्तियाब तुम्हारी चाहत मगर , मैं ज़िंदा हूँ कैसे , ये कमाल पूछ लेते SAD SHAYEARI

मैं क्या चाहता हूँ , मैं क्या सोचता हूँ , कभी मुझ से मिरा ख़्याल पूछ लेते .. नहीं दस्तियाब तुम्हारी चाहत मगर , मैं ज़िंदा हूँ कैसे , ये कमाल पूछ लेते SAD SHAYEARI

 मैं क्या चाहता हूँ , मैं क्या सोचता हूँ , कभी मुझ से मिरा ख़्याल पूछ लेते .. नहीं दस्तियाब तुम्हारी चाहत मगर , मैं ज़िंदा हूँ कैसे , ये कमाल पूछ लेते 


      Men kya chata hu me kya suchta hu 

Kabhi mujse khayal puchlete 

Nahi dastiyab tumhari chahat magar

Main jinda hu kaise ye kamal puch lete

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